झूट का बोलबाला भले ही
ज्यादा चलता होगा। मगर,
लंबी उम्र का कोई नाम नहीं।
सच्चाई के लिए देर है। मगर
अंत का और कोई द्वार नही।
अगर हम ख़ामोश रहते है
तो लोगों को लगता है।
की, हम बात नही करते।
हम घमंडी और अखड़ू है।
जब हम बात करते है।
तो हमे बकवास कहते है।
रहे तो कैसे रहे इस
दुनिया के साथ।
मगर वो क्या जानें की
हम अपने आप से डरते है।
ताकी हमसे कुछ गलती न हो।
और किसी को बुरा न लगे।
दुनिया चाहे कुछ भी कहें।
वैसे हम भी कमाल है।
क्योंकि हम इज्जत करना
और उतारना भी जानते हैं।
जो दिल से बात करे
हम उसीसे प्यार करते है।
हम अपना दिल खोल देते है।
क्योंकि हम भी, दिल से दिलदार है।
हमनें भी दुनिया बहुत देखी है।
दुनिया के अलग लोग़ देखे है।
जिंदगी ने बहुत कुछ दिया है।
लोगों को पहचानना सिखाया है।
हम बोलते नहीं इसका
मतलब हम गूंगे नही है।
हम गूंगे बनते है क्योंकि
हम दिल से लफंगे नही।
हमें भी कहाँ खामोश
रहना अच्छा लगता है।
हमें भी मीठी बातें
कर के लुभाना आता है।
जब हमें नसीब ने ही
गुमशुदा कर दीया है।
बस हमेशा खुद को ही
ढूंढते है, कि हम कहाँ है।
कुछ लोग़ मीठी बातों में,
किसी को भी फंसा लेते है।
अपने ही खोदे हुऐ गढ्ढे में,
खुद को ही गिरा लेते है।
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